कमी जरुरी है
Motivational Hindi story | A motivational kahani | प्रेरक कहानी
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कमी जरूरी है का मतलब यह है कि अपने बच्चो को दी गई सारी सुख
सुविधाएं कहीं ना कहीं उनको मानसिक तौर पर दिक्कत
डालती है यानि वो अपने आराम देय जिंदगी में इतने लिप्त हो जाते हैं कि वो अपने
सामाजिक व्यक्तित्व को निखार नहीं पाते और उन्हें मुंह कि खानी पड़ती है!!!
Motivational story in hindi के साथ बने रहिए,
कहानी
शुरू होती है........
एक शहर की बात है जहां विजय मेहता नाम का उद्योगपती रहता था वो अपने शहर का सबसे अमीर आदमी था उसकी शनों शौहरत पूरी शहर और आस पास के कई शहरों में भी थी,उसका एक बेटा था, राघव जिसे विजय सारी ऎसो आराम की सुविधाएं दिया था लेकिन जैसा की काम की वजह से विजय को समय नही मिलता था तो वह राघव के साथ रह नहीं पता था,राघव की मां बचपन में ही मर गई थी,आप सोच सकते हैं कि राघव का सामाजिक व्यक्तिव कैसा होगा उसकी सोच पैसों में सिमट के रह गई वो समाज को समझ ना सका, उसकी हरकतें और तरीके गलत होते जा रहे थे,दिन बीतता गया.....
क्या सच मे हार गए हो??
Hindi motivational story about life changing
एक दिन
राघव ने सोचा कि घर में ऊब गया हूं अब मै बाहर रहूंगा और लड़कों के साथ मस्ती मौज
करूंगा तो उसने अपने पिता से इस बारे में बात की,बोला मै बाहर रह कर पढ़ाई करना चाहता हूं तो
विजय ने सोचा राघव २१ साल का हो भी गया है चलो ठीक है इसे बाहर पढ़ाई को भेज ही
देते हैं विजय ने उसे विदेश में एक अच्छे विश्वविद्यालय में दाखिला दिलवा दिया,दिन बीतने लगे विजय को जैसा कि समय नही मिल पाता था तो राघव से उसकी बात
बहुत कम ही हो पति थी, बेटा कैसा है क्या कर रहा है कोई मतलब
नहीं था विजय को पर राघव को पैसों की कमी नहीं होने देता था,पर
विजय को ये नहीं पता था कि उसकी ये लापरवाही उसको बहुत बड़ा झटका
देने वाली थी.....
वहां
राघव के कुछ दोस्त बन जाते हैं अब वह बड़े बाप का बेटा था तो उसके दोस्त भी बड़े
बाप के बेटे ही थे जिनका नाम था-
- जॉर्डन
- स्मिथ
- अनुराग
- रिया
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राघव तो
वहां मौज के उद्देश्य से ही गया था उसने अपने दोस्तों से कहा कि क्यूं ना हम कहीं
घूमने चले वो सब राज़ी हो जाते हैं और रास्ते में जरूरत वाली सामग्री लेने लगते
हैं,
राघव की भयावह यात्रा (Dreaded
journey of Raghav)
वो अपने
जरुरी सामान लेते हैं और चल पड़ते हैं उनका मन था पहाड़ों और जंगलों में घूमने का, सुबह का समय
रहता है वो ट्रेन 🚆 पकड़ते हैं और यात्रा के लिए निकल पड़ते हैं रास्ते में उनके उमंग का कोई जवाब नही था लेकीन समय अपने गाल में किसे रख लेगा यह कोई नहीं जानता था ,,,,
लगभग
शाम होने वाली थी ४:०० बज रहे थे वो एक पहाड़ी स्टेशन पर उतरते हैं और पागलों की
तरह झूम उठते हैं वो चाहते हैं कि कितना जल्दी जंगल में चले जाए पर रिया थोड़ा सdमझदार रहती है
उसने बोला पहले इस जंगल के बारे
में
जानकारी लेते हैं फिर एकदम सुबह में चलेंगे क्यूंकि पहाड़ों और जंगलों में रातें
जल्दी हो जाती हैं और हमें कुछ भी नहीं पता है यहां के बारे में, पर राघव बोलता
है नहीं अब मुझसे बर्दाश्त नही होगा मेरे सामने मेरा ख्वाब दिख रहा है जिसका मुझे
कितने दिनों से इंतजार था अब मैं नहीं रूक सकता स्मिथ भी सहमत हो जाता है फिर क्या
वो निकल पड़ते हैं जंगल की तरफ़ और चलते चलते वो जंगल के काफी अन्दर चले जाते हैं
सूर्य तो कब का छिप गया रहता है, वो अपने
रुकने का ठिकाना ढूढते हैं और वहां पे अपना कैम्प लगाते हैं और अपना खाना खाते हैं
और लकड़ी जला लेते हैं और मस्ती करने लगते हैं काफी रात हो जाती है वो अपने
कैम्प में जाते हैं और एक एक करके सो जाते हैं पर स्मिथ जगा रहता है
उसे पेशाब लगती है वो बाहर निकलता है और पेशाब कर रहा होता है उसे थोड़ी दूरी पर
हलचल सुनाई देती है वह उस ओर बढ़ता है (डरते हुए) वह थोड़ा दूर निकल जाता है,
रात
होने की वजह से उसका पैर एक पत्थर से टकरा जाता है और वह गिर पड़ता है कुछ ही समय
लगता कि वह खुद को भेड़ियों के झुण्ड में पाता है उसके सामने भेड़ियों की चमकती
आंखों ने उसे पूरी तरह से सुन्न कर दिया फिर क्या उसपर भेड़ियों का झुण्ड टूट पडा
और स्मिथ मर जाता है....
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ज़िंदगी में मानसिकता का असर Short motivational story in hindi for success
इधर रिया की आंख खुलती है और वह स्मिथ को कैम्प में नही देखती है वो अनुराग को जगाती है वो सब बाहर निकलते हैं पर स्मिथ नहीं दिखता है वो चिंतित होते हैं और इधर उधर खोजने लगते हैं तभी अनुराग को स्मिथ के कपड़े दिखते हैं मानो उसके पैरो की ज़मीन खिसक गई उसने बाकी को बुलाया और यह देख सब डर जाए हैं जॉर्डन बोलता है अब यहां रुकना ठीक नहीं फौरन निकलो यहां से रात में ही सब समेट कर भागना शुरू करते हैं और उनका खाना भी गिर जाता है कुछ समय बाद सुबह होती है,
पर राघव को घर जाना मंजूर नहीं था वो आगे बढ़ रहे थे तभी
राघव की नजरन एक बोर्ड पर पड़ती है जिसपर लिखा था कि इस क्षेत्र में जाना वर्जित
है राघव उनसे थोड़ा दूरी बना कर बोर्ड को ढक देता है
और बोलता है कि हम इधर से आए थे इस तरफ़ से चलो अभी वर्जित क्षेत्र की तरफ़ चल
पड़ते हैं सब स्मिथ के दृश्य को देख कर डरे हुए थे वहां कोई आवाज नहीं सुनाई दे
रही थी
सिर्फ एक आवाज आ रही थी वो थी उनके पैरों के नीचे दबने वाले सूखे
पत्तों की कड़कड़ाहट ,उन्हें भूख
लगती है पर खाने को कुछ नहीं था किसी तरह वो पानी पी कर निकल पड़ते हैं अनुराग
बोलता है कि लगता है हम कहीं गलत रास्ते पर तो नहीं चल रहे हैं पर राघव उसे
विश्वास दिलाता है कि नही हम सही रास्ते पर हैं वो बोल ही रहा था कि रिया का पैर
लोहे के एक खांचे में फंस जाता है और पेड़ों से खंजर चलने लगते हैं उन्हें समझ
नहीं आता कि हो क्या रहा है इतने ही देर में एक खंजर अनुराग के सिर में लगता है और
दूसरी तरफ बाहर निकल आता है साथ में राघव को भी चोट लग जाती है, अभी कुछ ही समय हुआ होगा कि वहां कुछ आदिवासी आ जाते हैं और अपने सरदार के
पास ले जाते हैं और अनुराग को पका कर खा जाते हैं,सरदार बोलता है (अपने आदिवासी भाषा में)
की कल
अच्छा मुहूर्त है इनको मुहर (वहां की शापित मुहर जिसके लगने से कोई भी उस जगह के बाहर
नहीं जा सकता नहीं तो उसका सारा शरीर कोढ़ हो जायेगा और वह मर जाएगा)और किसी एक को अपना शिकार बना
लो लेकिन राघव को चोट लगी थी जिसके वजह से वह अशुभ था मुहर के लिए इसलिए
आदिवासियों ने उसे मार डाला वह नज़ारा बहुत खौफनाक था रात होती हैं आदिवासियों ने
उनको पेड़ से बांध दिया और सो जाते हैं आधी रात हुई रहती है कि एक अधेड़ उम्र का
एक आदमी आता है(जो कि
इसी तरह यहां पे फस गया रहता है) और बोलता है चुप रहों और मेरे
साथ चलो वो अपने साथ ले जाता है और कुछ खाने को देता है और अपने बारे में बताता है
कहता है कि जल्दी से चलो मै रातों रात तुम दोनों को बाहर का रास्ता दिखा देता हूं
नहीं तो वो सब हमे खोज निकालेंगे वो तेजी से आगे बढ़ते हैं,
इधर आदिवासियों ने उन दोनों को वहां ना पा कर चारो तरफ़ डूढ़ने लगते
है तब तक वह आदमी उन दोनों को बाहर का रास्ता दिखा चुका रहता है पर खुद को वो बचा
नहीं पाता है.
यह खबर विजय को मिलती है पर अब उसको शोक करने के अलावा कोई रास्ता
नहीं था कि वो अपने बेटे को देख सके
साथ में उसके बेटे की ऐसी हरकतों ने उन सबकी जान ले ली!!!
आपके पास बहुत सम्पत्ति है यह अच्छी बात है पर बच्चो को हमेशा
आरामदेह ज़िन्दगी देना अच्छी बात नहीं उनको किसी चीज की अहमियत तब तक नहीं समझ
आएगी जब तक वो उसकी कमी नहीं महसूस करेगें,इससे उनके
व्यक्तित्व में निखार आता है.
निष्कर्ष - Conclusion of this motivational kahani | hindi motivational story
यदि
पौधे को मजबूत और समृद्ध देखना हो तो, आवश्यकता से ज्यादा ना पानी दे और ना ही
खाद डाले,क्यूंकि यदि आप उसको बाहर से ज्यादा सहायता देंगे
तो,भले ही कि वो कुछ समय के लिए अच्छे दिखे परन्तु उनकी जो
जड़ें हैं वो नीचे से स्वयं पानी ना खींच कर कमजोर हो चुकी होती हैं,जो उसके भविष्य के लिए बेहद ख़तरनाक है तो, बच्चों
को आवश्यकता से ज्यादा सहायता ना करें, क्यूंकि ये उनके
सामाजिक व्यक्तित्व को बढ़ने नहीं देगा|
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!! धन्यवाद !!
शानदार भाई
जवाब देंहटाएंThanks dost
जवाब देंहटाएंap bahut achha likhte ho.
जवाब देंहटाएंyese hi hame story chahiye hoti hai,
hamara support apko pura hai,keep shining
Tnq भाई आप लोगो का support चाहिए बस
हटाएंHan sahi kaha apne
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