आपकी किमत कितनी?? motivational story in hindi
आप जानते हैं अपनी किमत ??या लोग जानते है आपकी किमत ??
जी हां यह सवाल जानना बेहद जरूरी है कि आपकी किमत कितनी है? और यह किमत कौन लगा सकता है?
तो चलिए जानते है, आपकी किमत सिर्फ आपके हाथ में है कि आप उसे कितना ज्यादा या कितना कम करते हैं,
कैसे??
आईये जानते हैं –
Why motivational stories in hindi are important for students to get success
एक सूरज नाम का लड़का था काफी परेशान और ज़िन्दगी से नाराज़, एक दिन की बात है वो परेशान, हताश हुए सुनसान रास्ते से जा रहा था उसे थकान महसूस होती है तो वह बैठने की सोचता है वो पास के एक वृक्ष के पास जाता है जहां पर पहले से ही एक साधू बैठे थे, साधू को देख सूरज ने उनको प्रणाम किया और बैठने की जिज्ञासा जतायी साधू बाबा उसे बैठने को बोलते हैं और बोलते हैं तुम कौन हो? और इतने परेशान क्यूँ हो?
सूरज अपनी परेशानी की वजह बताता है बोलता है बाबा मेरा नाम सूरज है मै बहुत परेशान हूं इस ज़िन्दगी से यहां मेरी कोई जरूरत ही नहीं, साथ वाले बोलते हैं तू किसी काम का नहीं है तू तो बोझ ही है बस, यदि कोई भी काम करने जाता हूँ तो बोलते है अरे ये क्या करने जा रहा है तुझसे नहीं होगा रहने दे बाबा मै ज़िंदा नहीं रहना चाहता, साधू महराज सब ध्यान से सुन रहे थे,फिर उन्होने मुस्कुराते हुए कहा सूरज तुम बिल्कुल मर जाओ पर एक आखिरी काम कर सकते हो???
सूरज बोलता है जी कहिए, तो साधू बोलते हैं तुम यहां से जाओ और 5 लोगों से मिल कर बस ये पूछना तुम कैसे हो? और क्या कर सकते हो? और फिर जवाब लेकर यहीं पर आना,,,,
सूरज वहां से जाता है और शहर मे पहुंचाता है उसे एक लड़की दिखती है जो कि काफी खूबसूरत थी वो उसके पास जाता है और कहता है मुझे कुछ पूछना है आपसे क्या पूछ सकता हूं, वो खूबसूरत तो थी ही नाक चढ़ा के बोलती है हां पूछो, सूरज कहता है मै कैसा हूं? और क्या कर सकता हूं?
वो चिल्ला के बोलती है तू बदसूरत है लड़की देखी नहीं की बस पीछे पड़ जाते है ये लोग, और तू ना बस यही करता रह जाएगा, सूरज आँखे नीचे करके वहां से चला जाता है,चलते चलते एक आदमी से मिलता है जो कि बहुत कामचोर किस्म का था सूरज वही सवाल उस आदमी से पूछता है,आदमी बोलता है तुम कैसे हो इससे मुझे क्या पर हाँ तुम कुछ कर नहीं सकते क्यूकी कामचोरों की तरह ये सवाल कर रहे हो, सूरज ये सुन कर आगे बढ़ता है,,
अब उसको एक बूढ़ी औरत मिलती है जिसकी कोई संतान नहीं थी और वो विधवा भी थी, सूरज उससे भी वही सवाल पूछता है कि दादी मै कैसा हूं? और क्या कर सकता हूं? औरत की आंखो मे आंसू आज जाते हैं वो बोलती है बेटा तुम बहुत प्यारे हो और सुंदर भी तुम्हें पाकर तुम्हारे माता पिता खुद को बहुत खुशनसीब समझते होंगे और रही बात तुम्हारे कुछ करने की तो तुम अपने माता पिता की सेवा कर सकते हो और सत्कर्म कर सकते हो जिससे तुम्हारी ख्याति बढ़ेगी यह सुन सूरज को बहुत अच्छा महसूस होता है वो आगे बढ़ता है,
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रास्ते मे एक तालाब मिलता है जहां पर एक मछुआरा मछली पकड़ रहा था सूरज ने उससे वही सवाल पूछा, मछुआरे को भूख लगी थी वो सोचता है कि शायद यह पागल है इससे काम निकलवा लेता हूँ वो बोलता है ये दोनों सवाल का जवाब मै दूँगा पर तुम्हें एक काम करना होगा सूरज बोलता है जी हां बिल्कुल कहिए तो मछुआरा बोलता है मै थोड़ी देर मे आ रहा हूँ तब तक तुम मेरी मछलियाँ पकड़ते रहो सूरज राज़ी हो जाता है और मछलियां पकड़ने लगता है..
काफी देर तक वो मछुआरा नहीं आता है सूरज को मछली पकड़ते पकड़ते थकान होने लगती है वो बैठ कर आराम करने लगता है तभी मछुआरा आ जाता है वो देखता है सूरज ने काफी मचालियाँ पकड़ रखी थीं उसके मन मे लालच आ जाती है वो सोचता है कहीं यह लड़का अपना हिस्सा ना मांगने लगे किसी भी तरह इसे हटाना होगा वो चिल्ला कर बोलता है अरे तुमको मैंने मछ्ली पकड़ने को बोला था और तुम यहाँ बैठे हो तुमको सवाल का जवाब चाहिए ना तो सुनो तुम एकदम बेकार हो और कामचोर भी तुमसे कुछ भी नहीं होगा उसने सूरज की एक ना सुनी सूरज वहां से चलता है ...
अब बस आखिरी व्यक्ति बाकी था वो चलता जा रहा था वो देखता है कि एक गाड़ी खड़ी है और वहां एक आदमी खड़ा है और एक गाड़ी बना रहा था, सूरज वहां पहुंचता है वो देखता है जो आदमी खड़ा था वो बहुत बड़ा आदमी लग रहा था उसका पहनावा भी काफी अच्छा था, सूरज ने सोचा मै इनसे अपना सवाल करूं या नहीं, पर उसने उस आदमी से अपना सवाल किया, वो एक सुलझा हुआ उद्योगपति था उसने सूरज से कहा तुम्हारा नाम क्या है? सूरज अपना नाम बताता है और अपनी दिक्कते भी,,,
सूरज तुम एक अच्छे लड़के प्रतीत होते हो जो कि एक नेक दिल सा हो, और तुम बहुत कुछ कर सकते हो, मै एक उद्योगपति हूं पर मै भी कभी तुम्हारे जैसा था मुझे भी लोग भला बुरा कहते थे पर आज मै सफल हूं और खुश भी, जब मैंने अपना रास्ता बना लिया तो तुम क्यूँ नहीं बना सकते यदि सही से मेहनत करो तो तुम भी एक बड़े आदमी बन सकते हो, सूरज बहुत खुश होता है वो उस आदमी को धन्यवाद बोलकर वहां से निकलता है...
वह उसी जगह पर आता है जहां वो साधू से मिला था साधू बाबा वहीं थे उन्होने सूरज को देखा और पूछा आ गए,तुम्हारे सवाल का जवाब मिला??
सूरज उत्सुकता से बोलता है जी महराज मुझे मिल गया जवाब तो साधू बोलते हैं तो अब मुझे बताओ तुम कैसे हो? और क्या कर सकते हो? सूरज एकदम से चुप हो गया वो क्या बताए उसने उसके बारे मे तो अलग अलग लोगों से अलग अलग बाते सुनी थी, साधू बोलते हैं बताओ सूरज बोलता है बाबा मै क्या बताऊँ सबने अलग अलग जवाब दिया है, वो रास्ते की सारी बात बताता है...
साधू बाबा बोलते हैं इसी लिए मैंने तुम्हें भेजा था पता है तुम्हें वो लड़की अपनी सुंदरता के आगे कुछ नहीं समझी,दूसरा आदमी कामचोर था इसी लिए उसने येसा कहा, वो बूढ़ी औरत ममता उढेलने के लिए लालायित थी तो उसने तुम्हें प्यार दिया, और वो मछुआरा एक लालची इंसान था,अंततः वो उद्योगपति एक सफल व्यक्ति था तो उसने तुम्हें सफल होने के लिए प्रेरित किया,
सूरज लोगों का सुनोगे तो तुम्हें हर किस्म की बातें सुनने को मिलेंगी किसकी बात सच मानोगे तो हमेशा याद रखो जो तुम्हारी किमत है वो सिर्फ और सिर्फ तुम तय कर सकते हो वो भी अपने कर्तव्य से, और दूसरा कोई भी नहीं कर सकता कोई भी व्यक्ति एक सलाह अपनी सोच और योग्यता के आधार पर ही देता है अब तय तुम्हें करना है कि तुम किससे सलाह ले रहे हो और किसकी सलाह तुम्हारे लिए ठीक है.
तो क्या अब भी तुम मरना चाहोगे सूरज बोलता है नहीं बाबा मुझे अब समझ आज गया है कि मुझे क्या करना है,वहां से सूरज चला जाता है और अपना जीवन सरल और उच्च कोटि का बनाता है जिससे उसकी शौर्य की ख्याति सर्वत्र व्याप्त होती है.
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