क्या सच मे हार गए हो?? Hindi motivational story
about life changing
आज की ज़िंदगी में हर कोई जल्दी से जल्दी सफलता चाहता है और रही बात सफलता की तो सही भी है उसे तो पाना सब चाहते हैं,पर वो कब मिलती है? कितना मिलती है? और कैसे मिलती है? ये जानना सबसे पहले ज़रूरी है इस Hindi motivational story में आपको इन सबका जवाब मिल जाएगा।
हर्ष नाम का एक मध्यम वर्ग
का लड़का था उसकी पढ़ाई पूरी होने के बाद उसकी एक private company मे जॉब लग जाती है,हर्ष को
ज़िंदगी मे हमेशा आगे रहने की लालसा रहती थी वो हर पल खुद को औरों से तुलना करता
राहत था यदि उससे कोई आगे होता तो वो दुखी हो जाता और उससे जीतने के लिए कुछ भी
करने को तैयार हो जाता,
एक दिन कंपनी में बैठे बैठे
हर्ष सोचने लगा मेरे बहुत से दोस्त अच्छी अच्छी जगह पर काम कर रहें हैं अच्छा पैसा
कमा रहें हैं,पर मैं उनसे ज्यादा मेहनत करता हूँ उनसे ज्यादा तेज भी हूँ,पर मैं
उनकी तरह ज़िंदगी क्यूँ नहीं जी रहा हूँ, मैं तो कॉलेज मे भी इनसे आगे था तो
वास्तविक ज़िंदगी मे इतना पीछे क्यूँ हूँ,इतनी मेहनत के बाद भी कुछ नहीं हो पा रहा,
इसी तरह वो कई दिनों तक
परेशान होता है,एक दिन इतना दुखी हो जाता है की वो खुद को कोसते कोसते एक जंगल मे
जाता है और वहाँ एक जगह बैठ जाता है,कुछ सोचते सोचते वो आसमान की तरफ देख कर बोलता
है हे भगवान मेरे साथ इतना नाइंसाफी क्यूँ मुझसे पीछे रहने वाले लोग आज मुझसे आगे
हैं और मैं इतने प्रयास कर रहा फिर भी उनके बराबर तक नहीं आ पा रहा?
वो खुद को परिस्थितियों मे
जकड़ा हुआ मान रहा था तभी उसे एक आवाज सुनाई देती है जंगल से वो इधर उधर देखने लगता
है पर वहाँ कोई नहीं था,आवाज बोलती हैं बेटा तुम इतने उदास और परेशान हो पर
तुम्हारी परेशानी का जवाब मैं दूंगा,ज़रा तुम अपने आस पास देखो,हर्ष बड़ी उत्सुकता से
अपने आस पास देखता हैं उसे एक सुंदर सी हरी bhari एक झाड़ी दिखती है और झाड़ी के बगल
MOTIVATIONAL STORY IN HINDI FOR SUCCESS
मे जैसे धरती की छाती चीरता
हुआ एक बांस का अंकुर निकल रहा था,यह दृश्य देखने के बाद हर्ष बोलता है मैं कुछ
समझा नहीं वो आवाज बोलती हैं,बेटा तुम जो ये झाड़ी देख रहे हो जो काफ़ी सुंदर दिख
रही है और बड़ी हो गई है,और उसके बगल मे अभी अभी एक बांस का अंकुर धरती से बाहर
निकल रहा है,इन दोनों का बीज मैंने एक साथ बोया था इनको एक जैसा पानी, एक जैसा
वातावरण दिया,
लेकिन यदि झाड़ी की तुलना
बांस से करें तो ऐसा लगेगा की झाड़ी ने ज़िंदगी मे बढ़ने की दौड़ जीत चुकी है लेकिन
बेटा जिस समय यह झाड़ी बढ़ रही थी खूबसूरत बन रही थी उस समय बांस धरती के नीचे था वो
खत्म नहीं हुआ ना ही उसने अपनी आशा खोई,बल्कि धरती के नीचे उस समय वो अपनी जड़ें
फैला रहा था उन्हें मजबूती दे रहा था,इसी लिए इनके बढ़ने की गति की तुलना नहीं की जा
सकती,क्यूंकी संसार में हर चीज़ अपने समय और अपनी रफ़्तार पर बड़ी होती है| बेटा किसी
की तरक्की देख कर जीवन मे निराश नहीं होतें क्यूंकी, झाड़ियाँ जल्दी बड़ी हो जातीं
हैं लेकिन वृक्षों को बढ़ने में समय लगता है लेकिन संसार मे दोनों की अपनी अपनी
अलग जगह है,
उस आवाज की यह बात सुनकर हर्ष
के मन मे एक नई जोश दौड़ उठती है,उसे एक आशा की किरण दिखाई देने लगती है,
TO READ MORE THIS TYPES OF MOTIVATIONAL HINDI STORY
दोस्तों एक बात याद रखो जीवन
कोई दौड़ नहीं की तुम बस दौड़ते रहो,हर चीज़ अपने समय पर होनी है एक बात जानते हो कई बार
हमें परिस्थितियाँ उतना परेशान नहीं कर रही होतीं हैं जितना हम खुद को परेशान कर रहे
होते हैं,
वास्तव मे आप देखिएगा जो बांस
के पेड़ होतें हैं उनके जड़ें काफ़ी सघन होती हैं और काफ़ी गहराई तक इनकी पकड़ होती हैं,पर
ये सब बहुत जल्दी नहीं होता कई साल निकल जाते हैं इनको बनने में,लेकिन जब बांस के पेड़
का बढ़ने का समय आता है फिर तो ये बहुत ही तेज़ी से बढ़ते हैं एक दिन में ये काफ़ी बढ़े
हो जाते हैं क्यूँ? क्यूंकी इनकी जड़े बन चुकी हैं,मजबूत हो चुकी हैं,
Conclusion of this motivational story (निष्कर्ष)
दोस्तों सबसे पहले अपनी जड़ों
(foundation) को मजबूत बनाओ क्यूंकी यही निर्धारित करेंगी की आप अपनी ज़िंदगी में कितना ऊपर जाओगे,एक बात याद
रखिए यदि किसी को growth
मिल भी जाए पर उसकी जड़े मजबूत ना हों तो उसकी वो growth ज्यादा समय तक नहीं रह
पाती,
और एक बात अपनी तुलना किसी और
से ना करें क्यूंकी कोई भी चीज़ अपने time scale पर होती है,किसी की ज़िंदगी मे
अलग समय पर तो किसी के ज़िंदगी मे अलग समय पर,सबकी ज़िंदगी मे struggle का समय आता है,किसी का जल्दी तो किसी का बाद मे|
जब आपकी ज़िंदगी मे सब कुछ आपके
मुताबिक जा रहा हो तो गुरूर मत करना,और जब आपके खिलाफ़ जा रहा हो तो सब्र जरूर करना।
|| धन्यवाद ||
Nice article dear about motivation
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