सफलता की यात्रा | आचार्य चाणक्य (Aacharya chanakya)
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आचार्य चाणक्य नीति |
आचार्य
चाणक्य के कुछ मुख्य बिन्दु जिन्हें अपनाकर आप अपनी वर्तमान स्थिति को और भी बेहतर
बना सकते हैं.
एक बात
याद रखो किसी भी वस्तु को पाने से कोई महान नहीं बनता,बल्कि उस वस्तु को पाने के लिए
उसने कौन कौन से रास्ते अपनाए और उसमें आने वाली समस्याओं का सामना कैसे किया? यह व्यक्ति
को महान बनाता है.
समझाता
हूँ,
यदि व्यक्ति
को सफलता पानी हो तो सबसे पहले वह एक लक्ष्य निर्धारित करता है,और फिर उसे पाने के
लिए रास्ते पर निकल पड़ता है.
जब वह रास्ते
में होता है तो,रास्ता उस व्यक्ति को सवारता है,निखारता है,और व्यक्ति भी रास्ते में
आए सभी मुसीबतों को सुलझाते सुलझाते जो बन जाता है,वह यात्रा प्रारंभ करने वाले व्यक्ति
से कहीं ज्यादा महान होता है.
क्यूंकी
यात्रा
में मिले यह अनुभव ही उसके वास्तविक पूंजी है,और सफलता एक मात्र सांकेतिक स्थिति है
जो यह बताती है कि,हाँ तुम इस काबिल हो।
कैसे शत्रु को कम सामर्थ होने के बाद भी हराएं?- आचार्य
चाणक्य (Aacharya chanakya)
युद्ध
के दौरान सबसे मुख्य चीज होती है,शत्रु पक्ष की सूचनाएं और जानकारी हमे बहुत कुछ
बता सकती हैं,और जब ये हमे मालूम हो जाती हैं,तो इससे हमारी योजना को बल के साथ
साथ आधार और धार भी मिलता है.
युद्ध
की एक नीति बहुत ही कारीगर है,और वो यह है कि,युद्ध काल के दौरान ही अपने शत्रु को
यह विस्वास दिला दो की वही वास्तव में युद्ध जीत रहा है,जिससे वह निश्चिंत हो जाता
है.
और जब
वह निश्चिंत और असावधान हो जाए,तो उसपर आकस्मिक वार करो,परिणाम आपके पक्ष में होगा।
कम ताकत लगा के शत्रु को हराना आचार्य चाणक्य (Aacharya chanakya)
यदि
शत्रु से बिना युद्ध किये जितना हो तो,शत्रु के मन से यह आशा ही मिटा दो कि वह जीत
भी सकता है. जिससे उसके लड़ने और जीत पाने की क्षमता में कमी आ जाती है।
ये
करने के बाद,अपने पास जीतने भी संसाधन हो उसका सही से उपयोग करना है जिससे हारने
की संभावना ही ना हो,उसके बाद आता है शत्रु के निर्बलता का उपयोग जिससे जीतने के
लिए कम ताकत लगानी पड़े.
very nice post.......
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